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मेरो सोच
Saturday, August 6, 2016
Saturday, July 11, 2015
आज कम्प्युटर का प्रयोग प्रत्येक क्षेत्र में हो रहा है। आज हम कम्प्युटर को जिस रुप में देख रहे हैं यहा तक पहुंचाने में विभिन्न देशों और वैज्ञानिकों का योगदान महत्त्वपूर्ण है। कम्प्युटर का इतिहास आज से लगभग 4000 वर्ष पहले एबाकस के विकास के साथ ही शुरू होता है।
1. एबाकस ( Abacus):- कम्प्युटर के इतिहास में सबसे पहला गणितीय हिसाब करने का साधन 'एबाकस' है। इसकी सहायता से जोड, घटाव, गुणा और भाग की क्रियाओं को तीव्रता के साथ किया जाता है। इसका विकास सर्वप्रथम मेसोपोटामिया में हुआ था। बाद में इसे चीन, जापान, रोम आदि देशों में प्रयोग किया गया। आज भी पूर्वोत्तर देशों में इसका प्रयोग होता है।
2. नेपियर्स बोन(Napier's Bone):-सन1614 में स्काट्लैण्ड का गणितज्ञ जाँन नेपियर ने लागरिदम(logarithm table) पद्धति का विकास किया। जिसके द्वारा गुणा और भाग शुद्धता एवं आसानी से किया जा सकता था। सन 1617 में इसी लागरिदम तालिका को हाथी के दातों की छडों पर खोदकर प्रयोग में लाया गया जिसे नेपियर्स बोन कहा गया।
3• स्लाइड रूल(Slide Rule):- गणितीय हिसाब को सरलता एवं तीव्रता के साथ हल करने हेतु सन् 1621 में दो अंग्रेज एडमण्ड गुटेर और विलियम औजटरेड ने संयुक्त प्रयास कर स्लाइड रूल का आविष्कार किया।
4• पास्कलाइन(Pascaline):- 19 वर्षीय एक फ्रेन्च गणितज्ञ ब्लेइज पास्कल (Blaise Pascal) ने सन् 1642 में पहली मेकनिकल कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलाइन कहा गया। इस यंत्र द्वारा जोड और घटाव की क्रियाएं किया जा सकता था।
5• लेबनाइट्ज कैलकुलेटर(Leibnitz's Calculator):- ब्लेइज पास्कल द्वारा बनाए गए पास्कलाइन कैलकुलेटर में जोड और घटाव की क्रियाएं ही किया जा सकता था। इसी कमी को दुर करने के लिए सन् 1671 में एक जर्मन गणितज्ञ गोट फ्रइड विल्हेल्म भोन लेवनाइट्ज(Gottfried Wilhelm Von Leibnitz) ने स्टेप्ड रेकनर(Stepped Recknor) नामक यंत्र बनाया जिसमें जोड, घटाव के साथ गुणा और भाग की क्रियाएं भी किया जा सकता था।
6• डिफरेन्स इन्जिन(Difference Engine):- सन् 1822 में एक अंग्रेज गणितज्ञ चाल्स बाबेज (Charles Babbage) ने एक यंत्र का आविष्कार किया जिसे डिफरेन्स इन्जिन कहा गया। इस यंत्र में स्मरण इकाई मेमोरी था जिसमें अक्षरों एवं डाटा को सेभ किया जाता था।
7• एनालिटिकल इन्जिन(Analytical Engine):- सन् 1833 में चाल्स बाबेज ने ही एक दुसरी मशीन का आविष्कार किया जिसका नाम एनालिटिकल इन्जिन था। जिसमें बाइनरी डिजिट (Bit) की सोच को प्रस्तुत किया गया था। इसी बाइनरी सिस्टम (bits) का प्रयोग आज के कम्प्युटर में भी होता है।इसीलिए उनको कम्प्युटर का पिता (Father of Computer Science) कहा जाता है।
8• लेडी अगस्टा एडा लभलेस(Lady Augusta Ada Loveless):-चाल्स बाबेज की अधुरी सोच को सन् 1848 में लेडी अगस्टा एडा लभलेस ने पूरा किया। उसने विश्व में पहली बार एनालिटिकल इन्जिन के लिए प्रोग्राम बनाई,जिस प्रोग्राम का नाम अगस्टा एडा लभलेस था।इसलिए उसको विश्व की पहली कम्प्युटर प्रोग्रामर के नाम से जाना जाता है।
9• डा•हर्मन होलिरिथ(Dr. Herman Hollerith):- सन् १८८७में अमेरिकी डा• हर्मन होलिरिथ(Dr. Herman Hollerith) ने एक इलेक्ट्रीक टेबुलेटिंग मशीन बनाई जो पंच-कार्डों की सहायता से स्वचालित रूप से सारा कार्य करती थी।
10• मार्क-1(Mark-1) संयुक्त राज्य अमेरिका निवासी डा• हावर्ड एकिन(Dr. Howard Akin) ने विश्व की पहली इलेक्ट्रो मेकनिकल कम्प्युटर(Electro mechanical Computer)मार्क-1 बनाई। इस कम्प्युटर की लम्बाई 51 फीट उचाई 8 फीट और चौडाई 3 फीट थी। इसका वजन 32 टन था।
11• एटनासोफ बेरि कम्प्युटर (Atanasoff Berry Computer):- सन् 1942 में डा• जे•भि•एटनासोफ(Dr. J.V.Atanasoff) ने विश्व की पहली डिजिटल कम्प्युटर एटनासोफ बेरि कम्प्युटर (A.B.C) बनाई।
12• इलेक्ट्रोनिक डिस्किरट भेरिएबल अटोमेटिक कम्प्युटर(Electronic Discrete Variable Automatic Computer):- जान माउचलि (John Mauchly) और जान प्रेस्पर एकर्ट (John Presper Eckert) ने मिलकर एक कम्प्युटर बनाई जिसमें डाटा और प्रोग्राम सेभ किया जा सकता था। इसके पश्चात IBM कम्पनी ने विभिन्न मोडल की कम्प्युटर का निर्माण किया और जनसाधारण के लिए भी बाजार में उपलब्ध होने लगे।
1. एबाकस ( Abacus):- कम्प्युटर के इतिहास में सबसे पहला गणितीय हिसाब करने का साधन 'एबाकस' है। इसकी सहायता से जोड, घटाव, गुणा और भाग की क्रियाओं को तीव्रता के साथ किया जाता है। इसका विकास सर्वप्रथम मेसोपोटामिया में हुआ था। बाद में इसे चीन, जापान, रोम आदि देशों में प्रयोग किया गया। आज भी पूर्वोत्तर देशों में इसका प्रयोग होता है।
2. नेपियर्स बोन(Napier's Bone):-सन1614 में स्काट्लैण्ड का गणितज्ञ जाँन नेपियर ने लागरिदम(logarithm table) पद्धति का विकास किया। जिसके द्वारा गुणा और भाग शुद्धता एवं आसानी से किया जा सकता था। सन 1617 में इसी लागरिदम तालिका को हाथी के दातों की छडों पर खोदकर प्रयोग में लाया गया जिसे नेपियर्स बोन कहा गया।
3• स्लाइड रूल(Slide Rule):- गणितीय हिसाब को सरलता एवं तीव्रता के साथ हल करने हेतु सन् 1621 में दो अंग्रेज एडमण्ड गुटेर और विलियम औजटरेड ने संयुक्त प्रयास कर स्लाइड रूल का आविष्कार किया।
4• पास्कलाइन(Pascaline):- 19 वर्षीय एक फ्रेन्च गणितज्ञ ब्लेइज पास्कल (Blaise Pascal) ने सन् 1642 में पहली मेकनिकल कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलाइन कहा गया। इस यंत्र द्वारा जोड और घटाव की क्रियाएं किया जा सकता था।
5• लेबनाइट्ज कैलकुलेटर(Leibnitz's Calculator):- ब्लेइज पास्कल द्वारा बनाए गए पास्कलाइन कैलकुलेटर में जोड और घटाव की क्रियाएं ही किया जा सकता था। इसी कमी को दुर करने के लिए सन् 1671 में एक जर्मन गणितज्ञ गोट फ्रइड विल्हेल्म भोन लेवनाइट्ज(Gottfried Wilhelm Von Leibnitz) ने स्टेप्ड रेकनर(Stepped Recknor) नामक यंत्र बनाया जिसमें जोड, घटाव के साथ गुणा और भाग की क्रियाएं भी किया जा सकता था।
6• डिफरेन्स इन्जिन(Difference Engine):- सन् 1822 में एक अंग्रेज गणितज्ञ चाल्स बाबेज (Charles Babbage) ने एक यंत्र का आविष्कार किया जिसे डिफरेन्स इन्जिन कहा गया। इस यंत्र में स्मरण इकाई मेमोरी था जिसमें अक्षरों एवं डाटा को सेभ किया जाता था।
7• एनालिटिकल इन्जिन(Analytical Engine):- सन् 1833 में चाल्स बाबेज ने ही एक दुसरी मशीन का आविष्कार किया जिसका नाम एनालिटिकल इन्जिन था। जिसमें बाइनरी डिजिट (Bit) की सोच को प्रस्तुत किया गया था। इसी बाइनरी सिस्टम (bits) का प्रयोग आज के कम्प्युटर में भी होता है।इसीलिए उनको कम्प्युटर का पिता (Father of Computer Science) कहा जाता है।
8• लेडी अगस्टा एडा लभलेस(Lady Augusta Ada Loveless):-चाल्स बाबेज की अधुरी सोच को सन् 1848 में लेडी अगस्टा एडा लभलेस ने पूरा किया। उसने विश्व में पहली बार एनालिटिकल इन्जिन के लिए प्रोग्राम बनाई,जिस प्रोग्राम का नाम अगस्टा एडा लभलेस था।इसलिए उसको विश्व की पहली कम्प्युटर प्रोग्रामर के नाम से जाना जाता है।
9• डा•हर्मन होलिरिथ(Dr. Herman Hollerith):- सन् १८८७में अमेरिकी डा• हर्मन होलिरिथ(Dr. Herman Hollerith) ने एक इलेक्ट्रीक टेबुलेटिंग मशीन बनाई जो पंच-कार्डों की सहायता से स्वचालित रूप से सारा कार्य करती थी।
10• मार्क-1(Mark-1) संयुक्त राज्य अमेरिका निवासी डा• हावर्ड एकिन(Dr. Howard Akin) ने विश्व की पहली इलेक्ट्रो मेकनिकल कम्प्युटर(Electro mechanical Computer)मार्क-1 बनाई। इस कम्प्युटर की लम्बाई 51 फीट उचाई 8 फीट और चौडाई 3 फीट थी। इसका वजन 32 टन था।
11• एटनासोफ बेरि कम्प्युटर (Atanasoff Berry Computer):- सन् 1942 में डा• जे•भि•एटनासोफ(Dr. J.V.Atanasoff) ने विश्व की पहली डिजिटल कम्प्युटर एटनासोफ बेरि कम्प्युटर (A.B.C) बनाई।
12• इलेक्ट्रोनिक डिस्किरट भेरिएबल अटोमेटिक कम्प्युटर(Electronic Discrete Variable Automatic Computer):- जान माउचलि (John Mauchly) और जान प्रेस्पर एकर्ट (John Presper Eckert) ने मिलकर एक कम्प्युटर बनाई जिसमें डाटा और प्रोग्राम सेभ किया जा सकता था। इसके पश्चात IBM कम्पनी ने विभिन्न मोडल की कम्प्युटर का निर्माण किया और जनसाधारण के लिए भी बाजार में उपलब्ध होने लगे।
Wednesday, July 8, 2015
कम्प्युटर का इतिहास ( HISTORY OF COMPUTER)
आज कम्प्युटर का प्रयोग प्रत्येक क्षेत्र में हो रहा है। आज हम कम्प्युटर को जिस रुप में देख रहे हैं यहा तक पहुंचाने में विभिन्न देशों और वैज्ञानिकों का योगदान महत्त्वपूर्ण है। कम्प्युटर का इतिहास आज से लगभग 4000 वर्ष पहले एबाकस के विकास के साथ ही शुरू होता है।
1. एबाकस ( Abacus):- कम्प्युटर के इतिहास में सबसे पहला गणितीय हिसाब करने का साधन 'एबाकस' है। इसकी सहायता से जोड, घटाव, गुणा और भाग की क्रियाओं को तीव्रता के साथ किया जाता है। इसका विकास सर्वप्रथम मेसोपोटामिया में हुआ था। बाद में इसे चीन, जापान, रोम आदि देशों में प्रयोग किया गया। आज भी पूर्वोत्तर देशों में इसका प्रयोग होता है।
2. नेपियर्स बोन(Napier's Bone):-सन1614 में स्काट्लैण्ड का गणितज्ञ जाँन नेपियर ने लागरिदम(logarithm table) पद्धति का विकास किया। जिसके द्वारा गुणा और भाग शुद्धता एवं आसानी से किया जा सकता था। सन 1617 में इसी लागरिदम तालिका को हाथी के दातों की छडों पर खोदकर प्रयोग में लाया गया जिसे नेपियर्स बोन कहा गया।
3• स्लाइड रूल(Slide Rule):- गणितीय हिसाब को सरलता एवं तीव्रता के साथ हल करने हेतु सन् 1621 में दो अंग्रेज एडमण्ड गुटेर और विलियम औजटरेड ने संयुक्त प्रयास कर स्लाइड रूल का आविष्कार किया।
4• पास्कलाइन(Pascaline):- 19 वर्षीय एक फ्रेन्च गणितज्ञ ब्लेइज पास्कल (Blaise Pascal) ने सन् 1642 में पहली मेकनिकल कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलाइन कहा गया। इस यंत्र द्वारा जोड और घटाव की क्रियाएं किया जा सकता था।
5• लेबनाइट्ज कैलकुलेटर(Leibnitz's Calculator):- ब्लेइज पास्कल द्वारा बनाए गए पास्कलाइन कैलकुलेटर में जोड और घटाव की क्रियाएं ही किया जा सकता था। इसी कमी को दुर करने के लिए सन् 1671 में एक जर्मन गणितज्ञ गोट फ्रइड विल्हेल्म भोन लेवनाइट्ज(Gottfried Wilhelm Von Leibnitz) ने स्टेप्ड रेकनर(Stepped Recknor) नामक यंत्र बनाया जिसमें जोड, घटाव के साथ गुणा और भाग की क्रियाएं भी किया जा सकता था।
6• डिफरेन्स इन्जिन(Difference Engine):- सन् 1822 में एक अंग्रेज गणितज्ञ चाल्स बाबेज (Charles Babbage) ने एक यंत्र का आविष्कार किया जिसे डिफरेन्स इन्जिन कहा गया। इस यंत्र में स्मरण इकाई मेमोरी था जिसमें अक्षरों एवं डाटा को सेभ किया जाता था।
7• एनालिटिकल इन्जिन(Analytical Engine):- सन् 1833 में चाल्स बाबेज ने ही एक दुसरी मशीन का आविष्कार किया जिसका नाम एनालिटिकल इन्जिन था। जिसमें बाइनरी डिजिट (Bit) की सोच को प्रस्तुत किया गया था। इसी बाइनरी सिस्टम (bits) का प्रयोग आज के कम्प्युटर में भी होता है।इसीलिए उनको कम्प्युटर का पिता (Father of Computer Science) कहा जाता है।
8• लेडी अगस्टा एडा लभलेस(Lady Augusta Ada Loveless):-चाल्स बाबेज की अधुरी सोच को सन् 1848 में लेडी अगस्टा एडा लभलेस ने पूरा किया। उसने विश्व में पहली बार एनालिटिकल इन्जिन के लिए प्रोग्राम बनाई,जिस प्रोग्राम का नाम अगस्टा एडा लभलेस था।इसलिए उसको विश्व की पहली कम्प्युटर प्रोग्रामर के नाम से जाना जाता है।
9• डा•हर्मन होलिरिथ(Dr. Herman Hollerith):- सन् १८८७में अमेरिकी डा• हर्मन होलिरिथ(Dr. Herman Hollerith) ने एक इलेक्ट्रीक टेबुलेटिंग मशीन बनाई जो पंच-कार्डों की सहायता से स्वचालित रूप से सारा कार्य करती थी।
10• मार्क-1(Mark-1) संयुक्त राज्य अमेरिका निवासी डा• हावर्ड एकिन(Dr. Howard Akin) ने विश्व की पहली इलेक्ट्रो मेकनिकल कम्प्युटर(Electro mechanical Computer)मार्क-1 बनाई। इस कम्प्युटर की लम्बाई 51 फीट उचाई 8 फीट और चौडाई 3 फीट थी। इसका वजन 32 टन था।
11• एटनासोफ बेरि कम्प्युटर (Atanasoff Berry Computer):- सन् 1942 में डा• जे•भि•एटनासोफ(Dr. J.V.Atanasoff) ने विश्व की पहली डिजिटल कम्प्युटर एटनासोफ बेरि कम्प्युटर (A.B.C) बनाई।
12• इलेक्ट्रोनिक डिस्किरट भेरिएबल अटोमेटिक कम्प्युटर(Electronic Discrete Variable Automatic Computer):- जान माउचलि (John Mauchly) और जान प्रेस्पर एकर्ट (John Presper Eckert) ने मिलकर एक कम्प्युटर बनाई जिसमें डाटा और प्रोग्राम सेभ किया जा सकता था।
इसके पश्चात IBM कम्पनी ने विभिन्न मोडल की कम्प्युटर का निर्माण किया और जनसाधारण के लिए भी बाजार में उपलब्ध होने लगे।
आज कम्प्युटर का प्रयोग प्रत्येक क्षेत्र में हो रहा है। आज हम कम्प्युटर को जिस रुप में देख रहे हैं यहा तक पहुंचाने में विभिन्न देशों और वैज्ञानिकों का योगदान महत्त्वपूर्ण है। कम्प्युटर का इतिहास आज से लगभग 4000 वर्ष पहले एबाकस के विकास के साथ ही शुरू होता है।
1. एबाकस ( Abacus):- कम्प्युटर के इतिहास में सबसे पहला गणितीय हिसाब करने का साधन 'एबाकस' है। इसकी सहायता से जोड, घटाव, गुणा और भाग की क्रियाओं को तीव्रता के साथ किया जाता है। इसका विकास सर्वप्रथम मेसोपोटामिया में हुआ था। बाद में इसे चीन, जापान, रोम आदि देशों में प्रयोग किया गया। आज भी पूर्वोत्तर देशों में इसका प्रयोग होता है।
2. नेपियर्स बोन(Napier's Bone):-सन1614 में स्काट्लैण्ड का गणितज्ञ जाँन नेपियर ने लागरिदम(logarithm table) पद्धति का विकास किया। जिसके द्वारा गुणा और भाग शुद्धता एवं आसानी से किया जा सकता था। सन 1617 में इसी लागरिदम तालिका को हाथी के दातों की छडों पर खोदकर प्रयोग में लाया गया जिसे नेपियर्स बोन कहा गया।
3• स्लाइड रूल(Slide Rule):- गणितीय हिसाब को सरलता एवं तीव्रता के साथ हल करने हेतु सन् 1621 में दो अंग्रेज एडमण्ड गुटेर और विलियम औजटरेड ने संयुक्त प्रयास कर स्लाइड रूल का आविष्कार किया।
4• पास्कलाइन(Pascaline):- 19 वर्षीय एक फ्रेन्च गणितज्ञ ब्लेइज पास्कल (Blaise Pascal) ने सन् 1642 में पहली मेकनिकल कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलाइन कहा गया। इस यंत्र द्वारा जोड और घटाव की क्रियाएं किया जा सकता था।
5• लेबनाइट्ज कैलकुलेटर(Leibnitz's Calculator):- ब्लेइज पास्कल द्वारा बनाए गए पास्कलाइन कैलकुलेटर में जोड और घटाव की क्रियाएं ही किया जा सकता था। इसी कमी को दुर करने के लिए सन् 1671 में एक जर्मन गणितज्ञ गोट फ्रइड विल्हेल्म भोन लेवनाइट्ज(Gottfried Wilhelm Von Leibnitz) ने स्टेप्ड रेकनर(Stepped Recknor) नामक यंत्र बनाया जिसमें जोड, घटाव के साथ गुणा और भाग की क्रियाएं भी किया जा सकता था।
6• डिफरेन्स इन्जिन(Difference Engine):- सन् 1822 में एक अंग्रेज गणितज्ञ चाल्स बाबेज (Charles Babbage) ने एक यंत्र का आविष्कार किया जिसे डिफरेन्स इन्जिन कहा गया। इस यंत्र में स्मरण इकाई मेमोरी था जिसमें अक्षरों एवं डाटा को सेभ किया जाता था।
7• एनालिटिकल इन्जिन(Analytical Engine):- सन् 1833 में चाल्स बाबेज ने ही एक दुसरी मशीन का आविष्कार किया जिसका नाम एनालिटिकल इन्जिन था। जिसमें बाइनरी डिजिट (Bit) की सोच को प्रस्तुत किया गया था। इसी बाइनरी सिस्टम (bits) का प्रयोग आज के कम्प्युटर में भी होता है।इसीलिए उनको कम्प्युटर का पिता (Father of Computer Science) कहा जाता है।
8• लेडी अगस्टा एडा लभलेस(Lady Augusta Ada Loveless):-चाल्स बाबेज की अधुरी सोच को सन् 1848 में लेडी अगस्टा एडा लभलेस ने पूरा किया। उसने विश्व में पहली बार एनालिटिकल इन्जिन के लिए प्रोग्राम बनाई,जिस प्रोग्राम का नाम अगस्टा एडा लभलेस था।इसलिए उसको विश्व की पहली कम्प्युटर प्रोग्रामर के नाम से जाना जाता है।
9• डा•हर्मन होलिरिथ(Dr. Herman Hollerith):- सन् १८८७में अमेरिकी डा• हर्मन होलिरिथ(Dr. Herman Hollerith) ने एक इलेक्ट्रीक टेबुलेटिंग मशीन बनाई जो पंच-कार्डों की सहायता से स्वचालित रूप से सारा कार्य करती थी।
10• मार्क-1(Mark-1) संयुक्त राज्य अमेरिका निवासी डा• हावर्ड एकिन(Dr. Howard Akin) ने विश्व की पहली इलेक्ट्रो मेकनिकल कम्प्युटर(Electro mechanical Computer)मार्क-1 बनाई। इस कम्प्युटर की लम्बाई 51 फीट उचाई 8 फीट और चौडाई 3 फीट थी। इसका वजन 32 टन था।
11• एटनासोफ बेरि कम्प्युटर (Atanasoff Berry Computer):- सन् 1942 में डा• जे•भि•एटनासोफ(Dr. J.V.Atanasoff) ने विश्व की पहली डिजिटल कम्प्युटर एटनासोफ बेरि कम्प्युटर (A.B.C) बनाई।
12• इलेक्ट्रोनिक डिस्किरट भेरिएबल अटोमेटिक कम्प्युटर(Electronic Discrete Variable Automatic Computer):- जान माउचलि (John Mauchly) और जान प्रेस्पर एकर्ट (John Presper Eckert) ने मिलकर एक कम्प्युटर बनाई जिसमें डाटा और प्रोग्राम सेभ किया जा सकता था।
इसके पश्चात IBM कम्पनी ने विभिन्न मोडल की कम्प्युटर का निर्माण किया और जनसाधारण के लिए भी बाजार में उपलब्ध होने लगे।
Monday, July 6, 2015
कम्प्युटर का परिचय
आज हम इस संसार में जो भी विकास देख रहे हैं उसमें कम्प्युटर का बहुत ज्यादा सहयोग है।आज प्रत्येक क्षेत्र में कम्प्युटर द्वारा ही काम होता है। हमारे लिए भी कम्प्युटर शिक्षा एक अनिवार्य विषय बन गया है। आज प्रत्येक व्यक्ति के हाथों में मोबाईल पहुँच जाने से भी कम्प्युटर का महत्त्व बढ गया है।
वास्तव में 'कम्प्युटर' शब्द लैटिन भाषा की "COMPUTARE" शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है हिसाब करना। आज से 40-50 वर्ष पहले तक कम्प्युटर का मुख्य काम ही गणितीय हिसाब करना था।लेकिन आजकल कम्प्युटर का प्रयोग विविध क्षेत्रो में विविध रूपों में किया जाता हैं।आजकल इसका प्रयोग विद्यालय, बैंक, अस्पताल, कल-कारखाना, एअरलाइन्स एवं विविध कार्यालयों में किया जाता हैं।
वास्तव में कहा जाए तो कम्प्युटर एक विद्युतीय यन्त्र है जो अत्यधिक गति एवं शुद्धता के साथ विभिन्न काम कर सकता है। ज्यादातर गणितीय समस्यायें हल करने, डाटा सेभ करने एवं प्रकाशन का काम किया जाता है।
Sunday, June 28, 2015
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